पिंजरे से आजाद's image
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पिंजरे से निकलेगा पंछी आज

आजादी की आज लेगा सांस,

चमक दमक में पला था जो ,

कैदी बन जेल में था वो,

आज खुली हवा में लेगा सांस,

अपराधी होने का अहसास ,

दौलत शोहरत काम ना आया,

नहीं चला कोई सरमाया ,

पच्चीस दिनों तक जेल में काटी रात,

समझ में आया कानून की औकात ।।

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