फूल की व्यथा's image
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फूल अपनी दुर्दशा से परेशान हैं,

उनको तोड़ा जाता है फिर उनके एक एक

पंखुड़ियों को उखाड़ा जाता है,

फिर उनको राजनेताओं के पैरों

तले रौंदा जाता है ।

ये अपनी इस दुर्दशा से गमगीन हैं

ईश्वर के गले में सुशोभित होने वाले

जमीन पर पैरों तले रौदें जाए उनकी

तौहीन हैं ।

अपने हालात और नियत से नाराज

अपनी किस्मत को कोसते

यह सोचते हैं, कभी शव पर माला बना दिए

जाते हैं, कभी अपराधियों के गले में

पर जब कभी सैनिक की शहादत पर

चढ़ाए जाते हैं तो अपने जीवन को

धन्य मान लेते हैं ।।

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