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गहरी नींद में सोया था मैं
सपनों के झुरमुट में खोया था मैं
अचानक मैं पहुंचा ईश्वर के दरबार में
अरे तूं कैसे आया स्वर्ग के दरबार में
आपने बुलाया भगवन !
तेरा वक्त अभी आया नहीं
यहां आत्मा का ठिकाना है
जिंदा कैसे आया तूं कर रहा बहाना है ।
जा चला जा मृत्यु लोक में
अभी रहना है,
तेरे कर्मों का हिसाब करना है,
मैं बोला ,प्रभु आ गया तो अपने
चरणों में सेवा का अवसर दें,
अरे मूर्ख अभी तक तूने दुख सहा है,
अब तुम्हें सुख मिलने वाला है,
यहां तूं कैसे आ गया,
यह सुनते ही मैं नींद से जाग गया ।
यह एक सपना था जो अपना था ।।
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