नई सुबह's image
Share0 Bookmarks 47529 Reads0 Likes

हर रोज नई सुबह का इंतजार करता रहा

पर वो आशाओं उम्मीदों की सुबह ना आई अभी

हर रात बीत जाने के बाद सुबह की लालिमा से

पूछता रहा इन मायूस चेहरों पर मुस्कान आई नहीं ।

क्यों इन मासूम आंखों में जिंदगी की चमक

दिखती नहीं,

मायूसियों के काले बादलों में रोशनी की कोई

किरण टिकती नहीं,

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts