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नई सुबह कब आएगी,
कब युद्ध की विभीषिका थम जाएगी
इन रोते बिलखते चेहरों पर,
कब जिंदगी मुस्कराएगी,
नई सुबह कब आएगी ।
जीवन बना है जलजला,
जिस पर खुश तानाश
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नई सुबह कब आएगी,
कब युद्ध की विभीषिका थम जाएगी
इन रोते बिलखते चेहरों पर,
कब जिंदगी मुस्कराएगी,
नई सुबह कब आएगी ।
जीवन बना है जलजला,
जिस पर खुश तानाश
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