
Share0 Bookmarks 45 Reads0 Likes
मेरी हस्ती मेरा गुरुर है
अपने आत्मसम्मान को जीवित
रखना मेरा जुनून है,
मैं झुक नहीं सकता,
मैं रुक नहीं सकता,
लाख बाधाएं आएं मेरी राह में,
मैं हर पत्थर को काट कर पथ बना लूं
मंजिल की चाह में ।
मैं वो दरिया हूं जिसमे धारा नहीं
पर एक दिन इस ठहराव में बहाव आएगा
कल कल करती बहेगी निर्मल जल धारा
फिर से हरियाली खुशहाली
का नव प्रभात खिल जाएगा ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments