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खुशबू तेरी मिट्टी की मेरे रग रग में बसी है
तुमसे ही प्यार आशिकी मेरी जीवन से जुड़ी है
ऐ वतन तेरे नाम पर कुर्बान होना फक्र है मेरा
मेरे धड़कन की हर सांस तुझसे ही जुड़ी है ।
मेरा वजूद है जब तक तेरे दर पर रहूंगा
तेरे लिए हर कतरा खून का कुर्बान करूंगा
जब तक मेरी सांसे चले तिरंगा गगन में लहरेगा
मेरे आखिरी सांस तक बस जयहिंद ही निकलेगा ।।
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