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माया महा ठगनी हम जानी !
यह सच है आज माया ने सबको भरमाया है, आज दौलत के आगे सब नतमस्तक है, सब बिकने के लिए तैयार बैठे हैं बस कीमत लगाने की देर है, हमारा देश लोकतंत्र का सोपान है, इसमें संविधान द्वारा मुख्य स्तंभ बताए गए हैं, कार्यपालिका, न्यायपालिका,मीडिया , सरकारें जो जनतंत्र के द्वारा चुनी जाती हैं । आज लगभग सभी स्तंभों की भूमिका संदेहास्पद हो गई ।
विशेषरूप से मीडिया की बात करते हैं सभी चैनल पैसा और पावर के दबाव में एक पक्षीय समाचार दिखाते हैं जितना उनको निर्देश रहता है, ज्यादातर मीडिया हाउस तो इस प्रकार सरकार का पक्ष दिखाते
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