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मत कहो कि तुम क्या हो,
शख्सियत बयां करेगी तुम्हारी अदद हैसियत,
खुद से बताओगे गर अपनी शख्सियत
हैसियत,
आलोचनाओं में उलझोगे फीकी हो
जाएगी तुम्हारी काबिलियत,
सूरज का जहां मे रूतबा रोशनी
जहां को मिलत
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