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मंजिलें आती नहीं चलकर,
उनको पाने की आरजू हो अगर,
खुद को बढाना पडता कदम,
राह में बाधाएं हजारों हों अगर,
उनसे लडकर जीतना पडता मगर,
यह तुम्हारी जीत का परिणाम है,
जिन्दगी का यही संग्राम है ।
जिन्दगी का सीधा कोई रास्ता नहीं,
टेढे मेढे रास्तों का यह सफर,
कांटो भरी है राह मंजिल की सभी,
हर मुसाफिर को गुजरना पडता है,
हार कर जिसने भी हौसला खो दिया,
उसको अंधेरों में जीना पडता है ।।
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