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अपने मंजिल का पता क्यों दूसरों से पूछते हो
अपने ख्वाबों की ताबीर का पता क्यों पूछते हो
ख्वाब तुम्हारा है हासिल करने का जुनून तुम्हारा
अपने हौसलों का उड़ान कहां ढूंढते हो,
परिंदे अपने उड़ान पर भरोसा करते हैं
अपने मंजिल की तलाश में नीले अम्बर
में उड़ान भरते हैं
ना रुकते हैं ना थकते हैं बस अपनी ऊंची
उड़ान का दम भरते हैं,
खुद की मंजिल की तलाश खुद करना होगा,
मंजिल तक पहुंचने के लिए हौसलों
को जिंदा रखना होगा ।।
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