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उड़ जा तूं अनंत क्षितिज में
वहां का संदेश लेकर आ,
धरती जैसा हाल वहां भी है
आकर तूं बतलाता जा,
तेरी गति पवन से भी तेज,
तूं अंबर तक पहुंचेगा
अंबर में सब देवी देवता
देवलोक में तूं विचरेगा ।।
हे मन मानव रूप तुम्हारा
ईश्वर का तूं अंश मात्र है,
खुद से खुद को पहचान ले
तो तूं भी श्रद्धा का पात्र है ।।
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