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मन की गति को ना नापिये,
मन चंचल बौराय,
मन पर जो ना काबू रखे,
जीवन शाप बन जाय ।
मन के बस में ना रहे,
मन बस में जो होय,
हार जीत का प्रश्न नहीं,
जीत विश्वास की होय ।।
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मन की गति को ना नापिये,
मन चंचल बौराय,
मन पर जो ना काबू रखे,
जीवन शाप बन जाय ।
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मन बस में जो होय,
हार जीत का प्रश्न नहीं,
जीत विश्वास की होय ।।
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