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नीले अम्बर में तूं बैठी है मां,
मुझे मालूम है तूं मुझे देखती है मां,
तूं धरती पर रहे या अंबर में
तेरे आंचल का साया बनके छाया रहे,
तेरे आशीर्वाद से मेरा कारवां बढ़े ।
एक पुतला ही था जो अनबो
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