Share0 Bookmarks 43759 Reads0 Likes
मधुशाला से प्यार निराला
इस प्याले ने सारे गम धो डाला
गले से नीचे उतरी हाला
पीने वाला हो गया मतवाला,
भूल गया अपना घर आंगन
याद है केवल मधुशाला ।
झूम झूम कर घूम रहा
बोतल पकड़े घूर रहा
इसमें डूब गया है सब कुछ
बचा नहीं रहा अब कुछ
फिर भी इ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments