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मधुशाला से प्यार निराला
इस प्याले ने सारे गम धो डाला
गले से नीचे उतरी हाला
पीने वाला हो गया मतवाला,
भूल गया अपना घर आंगन
याद है केवल मधुशाला ।
झूम झूम कर घूम रहा
बोतल पकड़े घूर रहा
इसमें डूब गया है सब कुछ
बचा नहीं रहा अब कुछ
फिर भी इसमें सुख मतवाला
मधुशाला से प्यार निराला ।
गम के मारे जीवन से हारे
पीकर खुश हैं पीने वाले
डूब गई कड़वाहट इसमें
नहीं कोई चिंता अब प्यारे
मस्ती के मधुर तरंग में जीवन के अद्भुत उमंग
याद है केवल बस मधुरस प्याला
मधुशाला से प्यार निराला
मस्ती में है पीने वाला ।।
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