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कुदरत का कानून अजीब होता है
हमारे कर्मों का हिसाब होता है
वक्त लगता है मगर
फैसला कर्मों का सटीक होता है ।
एक मियाद निश्चित है इंसान को बदलने की
अपने कर्मों पर निगाह करने की
जब अहंकार और दंभ बेलगाम हो जाए
तो कुदरत के कानून का फैसला आ जाए ।।
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