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कुहू कुहू कोयल बोले

कानों में अमृत रस घोले,

देती है संदेश नव प्रभात का

प्रकृति के इस मनोरम सुहास का,

छोड़ो जो बीत गया आगे स्वागत करो

विहंगम नव प्रभात का,

हर दिन नई शुरुआत करो

अपने कर्म पथ का वरण करो

आशा और विश्वास लिए

शुरुआत करो इस नव प्रभात का ।

जीवन में उल्लास भरो

इस पल को जी भर जी लो

कल क्या होगा राज बड़ा

इससे ना खुद को तोलें

कुहू कुहू कोयल बोले,

कानों में मधुरस घोले, कुहू कुहू कोयल बोले ।।

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