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बेबसी "
सुलग रही है जिंदगी,
चारों तरफ धुंआ धुंआ,
हर चेहरे हैं बुझे बुझे ,
अंधकार है भरा हुआ,
रोशनी का एक कतरा,
अब कहीं दिखता नहीं,
जिस तरफ भी देखो ,
मातम है पसरा हुआ ,
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बेबसी "
सुलग रही है जिंदगी,
चारों तरफ धुंआ धुंआ,
हर चेहरे हैं बुझे बुझे ,
अंधकार है भरा हुआ,
रोशनी का एक कतरा,
अब कहीं दिखता नहीं,
जिस तरफ भी देखो ,
मातम है पसरा हुआ ,
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