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कितने नासमझ हो
जो भूल जाते हो अपने जज्बात को,
जिनके लिए खुद को तपाया
वो भूल गए हर बात को ।
किसी पर एहसान के लिए
कोई काम ना करो
कोई रिश्ते नाते की ना बात करो
जो कुछ किया तुम्हारा फर्ज था,
फिर एहसान की ना बात करो ।
कोई चोट लगे अपनों की तो
दिल में महफूज रखो,
कोई शिकवा ना करो
हर इल्जाम को महसूस करो ।।
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