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खुशी की तलाश में निकला,
गम राह में खडा था,
गले लगा लिया,
अब साथ साथ चलता है,
दामन से चिपका रहता है,
मिन्नते करता हूँ,
ना छोड़ने की जिद्द करता है,
चंगुल में ऐसा जकड़ लिया,
मुझको गले लगा लिया ।
कहता हूँ मेरे भाई,
मैं तो खुशी की तलाश में निकला,
तुम मेरे गले क्यों पडे,
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