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खुद को खुदा मान लिया तो
इनकार कौन करे,
जब सारा अलमा आपका
आपको नाराज कौन करे ।
सबको फिकर है खुद की इस
जहां की यही फितरत,
जमाने की बात करके कौन करे
अपनी तिजारत ।
फर्ज ईमान की बात हम कर नहीं
सकते,
खुद की हैसियत को मिटा नहीं
सकते,
अपने जिंदगी की गुरबत नही मंजूर,
इसलिए आका से बगावत कर नहीं
सकते ।।
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