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खो गए जो सपने जमाने के भीड़ में
उनको कैसे मैं ढूंढू जब गुम हो गए इस भीड़ में,
दुनिया बहुत बड़ी है और लोग भी अलग
कौन दोस्त बनेगा जब हर इंसान अलग थलग,
सपनों के सौदागर हर कदम कदम पर खड़े हैं
छीन लेते हैं हसरतें रसूखदार बहुत बड़े हैं
अपने ही शर्तों से खरीद लेते हैं अरमान गरीबों के
उनके ही हाथों में खेलते ताकतवर बड़े बड़े हैं ।।
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