Share0 Bookmarks 47960 Reads0 Likes
जो दीवारें हमारे समाज की मजबूती से जुड़ी थी,
अब उनकी एक एक ईंटें खिसक रही हैं,
प्रेम और सौहार्द्र की हमारी परंपरा,
में एक खाई खुद रही है,
हमारी तहजीब जो मिसाल
No posts
No posts
No posts
No posts
जो दीवारें हमारे समाज की मजबूती से जुड़ी थी,
अब उनकी एक एक ईंटें खिसक रही हैं,
प्रेम और सौहार्द्र की हमारी परंपरा,
में एक खाई खुद रही है,
हमारी तहजीब जो मिसाल
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments