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जिंदगी तेरी बेहतरी में हम फना हो गए
जितना तेरे पास आया दूर होकर रह गए
ख्वाब तुमसे मिलकर शोहरत की
ऊंचाइयां मिले,
ख्वाब हकीकत बन ना सका हम अकेले
रह गए ।
जिंदगी तेरी बेहतरी में हम फना हो गए ।
घर बार छोड़ा गांव छोड़ा परदेश हम
आ गए,
इस अजनबी शहर में दर दर भटकते रहे
मंजिल तो हासिल हो ना सकी
गुमनाम होकर रह गए ।
जिंदगी तेरी बेहतरी में हम फना हो गए ।।
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