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कौन जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए
ये नजारे ये सितारे ये रंगीनियां गुमनाम हो जाएं
चारों तरफ फैली ये बसंती छटा
कल रहे ना रहे,
आंख बंद हो जाए और सब अंधकार हो
जाए ।
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कौन जाने कब जिंदगी की शाम हो जाए
ये नजारे ये सितारे ये रंगीनियां गुमनाम हो जाएं
चारों तरफ फैली ये बसंती छटा
कल रहे ना रहे,
आंख बंद हो जाए और सब अंधकार हो
जाए ।
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