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जिंदगी का सफर"
अपने आप से नाराज हो क्यों,
ए जिंदगी है टेढे मेढे राह से गुजरती है,
कभी कंकड़ पत्थर कांटे होंगे राहों में,कभी फूलों की लडियां बिछी होंगी राहों में,
हर हालात से लडकर ही इंसान आगे बढता है,<
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