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अब तो जिंदगी को भी बाजार बना दिया
बिकने के लिए लाइन लगाए बैठे हैं
मोल लगाने वाले भी हजारों हैं
जिंदगी को बाजार बनाए बैठे हैं ।
कोई महंगा कोई सस्ता भी बिक जाता है
अपनी कीमत को मिल जाने पर
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