Share0 Bookmarks 47291 Reads0 Likes
अपने आप से जंग लड़ रहा है हर इंसान
हसरतें इतनी बढ़ गई हैं की बेसुध हो गए सब
ख्वाहिशों के उफनते इस महासागर में
डुबकी लगा रहे सब,
कोई डूब जाने के लिए बेकरार
<
No posts
No posts
No posts
No posts
अपने आप से जंग लड़ रहा है हर इंसान
हसरतें इतनी बढ़ गई हैं की बेसुध हो गए सब
ख्वाहिशों के उफनते इस महासागर में
डुबकी लगा रहे सब,
कोई डूब जाने के लिए बेकरार
<
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments