Share0 Bookmarks 47445 Reads0 Likes
हे शांतिदूत तूं उड़कर जा,
जहां मानवता कराह रही,
तूं शांति संदेश फैला जन जन में
जहां कुदरत भी शरमा रही है,
उन मासूम बच्चों के होठों पर जहां
दर्द की परछाइयां बिखरी,
उन अबोध
No posts
No posts
No posts
No posts
हे शांतिदूत तूं उड़कर जा,
जहां मानवता कराह रही,
तूं शांति संदेश फैला जन जन में
जहां कुदरत भी शरमा रही है,
उन मासूम बच्चों के होठों पर जहां
दर्द की परछाइयां बिखरी,
उन अबोध
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments