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हे मृत्यु तुम्हारे विष दंत
इंसानों को ही डसते हैं
हंसते खेलते मासूमों को ही
अपने विष दंत चुभोते हैं
तुम निर्मम हो अति कठोर बन
जन जीवन को शापित करते हो
हर पल तुम हादसों का विनाश लीला
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