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हर सांस से सिकुड़ती जिंदगी
पर इंसान की तमन्नाएं बलवती होती है
एक एक सांस से जीवन रेखा की
मिटती लकीरें,
पर सब कुछ पाने की चाह तीव्र होती है,
हर शख्स जीवन की हकीकत से वाकिफ
फिर भी अहंकार के मद में चूर,
माया मोह की छाया में अपने वजूद से दूर ,
सब कुछ पाने की जिद में इंसानियत
भूल जाने का जुनून,
चंद टुकड़ा के सिवा साथ कुछ जाने से मरहूम ।।
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