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है प्रीत हमारी रीत सदा
फिर नफरत क्यों फैलाते हैं,
हिंदू मुस्लिम के नाम पर
अवाम में जहर फैलाते हैं,
सदियों की अपनी संस्कृति है
हम भाई चारा सदा निभाते हैं
हम एक दूजे के सुख दुख में
भाई बन हाथ मिलाते हैं ।
एक तूफान उठा जहरीला
जो मजहब का दीवार बना
कुछ चंद वहशी इंसानों से
रिश्तों में नफरत का जहर भरा ।
क्यों भूल गए उन रिश्तों को
जो प्यार और सम्मान भरे
एक दूजे के ईद दिवाली में हम
प्यार से एक दूजे के गले मिले ।।
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