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जब खुद को ना समझ सका
तो औरों से क्या गिला,
जो मेरा था वही तो मुझको मिला,
अपने उसूल और गुरुर का हश्र ही तो है
आसमान की बुलंदियों से जमीन पर गिरा,
कहने को तो बहुत कुछ है पर सच यही तो है,
अहंकार के परिणाम का बस यही सिलसिला ।।
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