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गिरकर उठना उठकर गिरना
जीवन की ये रीति है
दिन के बाद रात की कालिमा
सुबह का सूरज खिलकर उगना
यही प्रकृति की नीति है ।
नहीं बदल सकता है कोई
कुदरत का ये खेल निर
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गिरकर उठना उठकर गिरना
जीवन की ये रीति है
दिन के बाद रात की कालिमा
सुबह का सूरज खिलकर उगना
यही प्रकृति की नीति है ।
नहीं बदल सकता है कोई
कुदरत का ये खेल निर
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