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दुश्मन है गरीबी दोष अपना ही तो है
ईमानदारी अपना उसूल है कसूर अपना ही तो है,
हम ठगते नहीं किसी को हम आम अवाम हैं
हम मुफलिसी में जीते हैं कसूर अपना ही तो है,
बहते हुए नदी में जब तैर नहीं सकते
गंदा पानी है ये कह उतर नहीं सकते
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