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गांधी की राजनीति का अंत हो रहा है
सत्ता की सियासत में हर उसूल ढह रहा है
अपराध भ्रष्टाचार का हर ओर बोलबाला
शब्दों की मर्यादा का वध कर डाला
सियासत की बागडोर जिनके हाथ आ गई
मसीहा वही बन बैठे उनकी हर बात है सही
राजनीति का एक सूत्र सत्य अहिंसा का दिया
उस सूत्र को राजनेताओं ने नंगा कर दिया ।
ना कोई सुचिता ना कोई सम्मान रहा है
अपराधियों का राजनीति में मान रहा है ,
गुंडा अपराधी जिनका दबदबा समाज में
चुनाव लडने की योग्यता उनकी राजनीति में
क्या क्या कहें राजनीति में क्या हो रहा है
गांधी की राजनीति का अंत हो रहा है ।।
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