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गमों के बीच मुस्कराया करो
वक्त पर विश्वास करो ! उसे जाया ना करो,
माना की दर्द के अंधेरों में घुटन है,
दीप की लौ से इन अंधेरों को मिटाया करो ।
हो सकता है कुछ मुश्किलें तुम्हारे वजूद
पर सवाल बने
उन सवालों में ना उलझो वक्त की नीयत है
सूरज डूबता है तो अंधेरों की कालिमा
फिजा में तैर जाती है
सूरज निकलता है तो प्रकाश पुंज की गूंज
से मुस्कराया करो ।
गमों के बीच मुस्कराया करो,
वक्त पर विश्वास करो ! उसे जाया ना करो ।।
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