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किस पर एतबार करें

जब सारा शहर अजनबी है,

वक्त ने करवट जो लिया

अब ना कोई अपना करीबी है ।

एक मुगालते में उलझे रहे जीवन भर

की सब इस शहर इस बस्ती में

अपने ही हैं,

वक्त ने करवट क्या बदला

अब तो सब सपने ही हैं ।

हालात बदलना भी जरूरी है

मतलबी दुनिया की हकीकत जानना

मजबूरी है,

वैसे तो हर कदम पर दोस्त मिलते हैं

पर सच्चा दोस्त मिलना जरूरी है ।।

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