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एक दिन जिन्दगी से मुलाकात हो गयी,
मैने पूछा क्या बात हो गयी,
आंखों में आंसू चेहरे पर उदासी,
ना कोई हलचल, ना कोई उमंग,
अपने ही ख्वाहिशों से छिड़ी है जंग,इतनी ही मुश्किलों से तार तार हो गयी,
एक दिन जिन्दगी से मुलाकात हो गयी ।
मायूसी भरी आवाज में दर्द सुनाया,
जीवन की कठिनाईयों का हाल बताया,
अपनी ही नाकामी का हालात है मेरा,
जिस पर भरोसा था उससे धोखा ही पाया,
जीवन की हर चाहत नाकाम हो गयी,
एक दिन जिन्दगी से मुलाकात हो गयी ।।
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