
Share0 Bookmarks 120 Reads0 Likes
दोराहे पर खड़े हो देखते इधर उधर
दोनो तरफ है मुश्किल जाएं किधर
इंसान आज परेशान है मंजिल से अनजान
कोई उम्मीद की रोशनी दिखाती नहीं जनाब
हर शख्स के चेहरे खुद से करे सवाल
No posts
No posts
No posts
No posts
दोराहे पर खड़े हो देखते इधर उधर
दोनो तरफ है मुश्किल जाएं किधर
इंसान आज परेशान है मंजिल से अनजान
कोई उम्मीद की रोशनी दिखाती नहीं जनाब
हर शख्स के चेहरे खुद से करे सवाल
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments