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कई रातों का जागा हू
मैं सो नहीं सकता,
मेरे दिल में जो मूरत है
उसे मैं खो नहीं सकता,
भले ही दूर हो तुम , मेरे पास ना हो तुम,
मगर मेरे दिल की धड़कन से,
अलग कोई कर नहीं सकता ।
तेरे दीदार का तलबगार हूं
मैं हर पल का,
तुझसे मिलने की चाहत में बेजार हूं कब का,
जब तक सामने आकर दर्शन ना दोगे तुम,
मेरे सांसों की धड़कन से
जुदा कोई कर नहीं सकता ।।
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