
Share0 Bookmarks 74 Reads0 Likes
धुंआ है सब कुछ जिसमें हम रह रहे हैं
मुश्किल में हैं सभी पर कुछ ना कह रहे हैं
चारों तरफ सन्नाटा ना कोई हलचल है
मशरूफियोंं में है जीवन फिर भी चल रहे हैं ।
जीना है अगर जीवन तो रब की यही मर्जी
कुछ रोशनी का कतरा मिटा दे धुंआ जल्दी
कोई रब यहां नहीं परबस में सब खड़े हैं
हाथ जोड़े इंसानियत के दुश्मन सभी अड़े हैं
सबको जीना यहां समझौता कर रहे हैं
धुंआ धुंआ यहां जिसमें हम रह रहे हैं ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments