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बदल गए हैं जमाने के दस्तूर
जो कल अपने थे आज हो गए
बहुत दूर ,
अब तो इंसान इंसान में फर्क
नजर आता है,
जब किसी को अपना समझो,
बेगाना बन जाता है,
अपने अपने फायदे से जुड़े होते हैं
रिश्ते अब,
कब ये गांठ खुल जाए समझ नहीं
आता है ।।
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