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दर्द से रिश्ता जुड़ गया ऐसा
दर्द ही दोस्त बन गया ,
हर पल साथ निभाए मेरा
ऐसा हमराह बन गया ।
छोड़ सकता नहीं उसको
साथ साथ चलता हूं उसके
वही मेरे आशियाने का
सदा का मेहमान बन गया,
मेरे हर धड़कन का हमराज है वही
मेरे खामोशी का राज है वही
मेरे दिल के तहखाने का,
जमाने का गवाह बन गया ।
दर्द से रिश्ता जुड़ गया ऐसा
दर्द ही दोस्त बन गया ।।
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