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चुप रहकर हजारों गम सह लेते हैं
अपनी बातें भी किसी से कहते नहीं चुप रह लेते हैं
दिल के तहखाने में हजारों सच दफ्न हैं मगर
हम तो हर झूठ के पैमाने को हजम कर लेते हैं ।
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चुप रहकर हजारों गम सह लेते हैं
अपनी बातें भी किसी से कहते नहीं चुप रह लेते हैं
दिल के तहखाने में हजारों सच दफ्न हैं मगर
हम तो हर झूठ के पैमाने को हजम कर लेते हैं ।
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