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तुम भी चलने की जिद ना करो,
बस हम सबकी जिंदगी चलने दो,
क्यों बार बार दस्तक देते हो भाई,
हम सबकी जिंदगी में तबाही लाते हो भाई,
अपने होने की अब हद ना करो,
तुम भी चलने की जिद ना करो ।
क्यों आते हो अक्सर,
भय बनाते हो हम पर,
छोड़ कर देश मेरा,बना लो कहीं और बसेरा, No posts
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