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चल चलाचल तूं क्यों घबराता है
राही अकेला चल तूं क्यों घबराता है,
सफर तेरा लंबा अनजाना है फिर भी
चलने से ही कम होगा तेरा मकसद माना कि
तूं निर्भीक निडर बढ़ते रह
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चल चलाचल तूं क्यों घबराता है
राही अकेला चल तूं क्यों घबराता है,
सफर तेरा लंबा अनजाना है फिर भी
चलने से ही कम होगा तेरा मकसद माना कि
तूं निर्भीक निडर बढ़ते रह
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