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जीवन के भाग दौड़ में
इंसान खो गया,
इंसानियत और रिश्ते नाते
से दूर हो गया,
प्रेम और सहयोग का जज्बात न रहा,
प्रतियोगिता के दौड़ में
अजनबी हो गया ।
आधुनिकता में खो गए सारे,
भावनात्मक रिश्ते,
हर इंसान खुद में खुद से
मशगूल हो गया ।।
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