बेचैनी's image
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रंगों से भीगे बदन है मगर

मन में ना खुशियां कोई

अपने ही मशरूफियों में खोए हुए हैं

रंगों की खुशियां नहीं,

तपते रेगिस्तान पर चंद बारिश की बूंदे

देती नहीं है सुकून,

दिखावे की त्योहारों

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