
Share0 Bookmarks 125 Reads0 Likes
बारूद के ढेर पर बैठ कर
माचिस क्यों जला रहे,
अपने अस्तित्व की राख से
क्यों खुद को जला रहे,
इंसान जब अहंकार का मशाल बन गया
मानवता और मानव का अस्तित्व ढह गया
<No posts
No posts
No posts
No posts
बारूद के ढेर पर बैठ कर
माचिस क्यों जला रहे,
अपने अस्तित्व की राख से
क्यों खुद को जला रहे,
इंसान जब अहंकार का मशाल बन गया
मानवता और मानव का अस्तित्व ढह गया
<No posts
No posts
No posts
No posts
Comments